Sunday, September 22, 2024

विलमिंगटन घोषणापत्र: ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के नेताओं का संयुक्त वक्तव्य

Department of State United States of America

अनुवादअमेरिकी विदेश विभाग केसौजन्य से



व्हाइट हाउस  
सितंबर 21, 2024 
विलमिंगटन, डेलावेयर
प्रमुख अंश 

आज, हमऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फ़ुमियो का और अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ़ आर. बाइडेन जूनियरविलमिंगटन, डेलावेयर में राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा आयोजित चौथे व्यक्तिगत क्वाड लीडर्स समिट के लिए मिले। 

साझा मूल्यों के अनुरूप हम क़ानून के शासन पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को क़ायम रखना चाहते हैं। संयुक्त रूप से हम लगभग दो अरब लोगों और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के एक तिहाई से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम एक मुक्त और खुले हिंदप्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं जो समावेशी और सुदृढ़ हो। हमारे सहयोग के माध्यम से क्वाड सरकारों से लेकर निजी क्षेत्र और जनस्तरीय संबंधों तक, हमारी सारी सामूहिक शक्तियों और संसाधनों का उपयोग कर रहा है, ताकि हिंदप्रशांत क्षेत्र के लोगों को ठोस लाभ प्रदान करके क्षेत्र के सतत विकास, स्थिरता और समृद्धि का समर्थन किया जा सके। 

 हिंदप्रशांत क्षेत्र के समुद्र से जुड़े चार प्रमुख लोकतंत्रों के रूप में, हम वैश्विक सुरक्षा और समृद्धि के एक अनिवार्य तत्व के रूप में इस गतिमान क्षेत्र में शांति और स्थिरता क़ायम रखने की खुलकर हिमायत करते हैं। हम किसी भी अस्थिरताकारी या एकतरफा कार्रवाईजिसमें बलप्रयोग या दबाव डालकर यथास्थिति बदलने की कोशिश की जाती होका दृढ़ता से विरोध करते हैं। हम संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन कर क्षेत्र में हाल ही में किए गए अवैध मिसाइल प्रक्षेपणों की निंदा करते हैं। हम समुद्री क्षेत्र में हाल की खतरनाक और आक्रामक कार्रवाइयों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं। हम एक ऐसा क्षेत्र चाहते हैं जहां ना तो कोई देश हावी हो और ना ही किसी देश को दूसरे के दबाव में रहना पड़ेऐसा क्षेत्र जहां प्रत्येक देश हर तरह की ज़ोरज़बरदस्ती से मुक्त हो, और अपना भविष्य तय करने के लिए अपनी क्षमताओं का उपयोग कर सके। हम एक स्थिर और खुली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता में एकजुट हैं, जो मानवाधिकारों, स्वतंत्रता के सिद्धांत, क़ानून के शासन, लोकतांत्रिक मूल्यों, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता, और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, तथा संयुक्तराष्ट्र चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय क़ानून के अनुरूप बलप्रयोग या उसकी धमकी पर निषेध की मज़बूत समर्थक है।  

भलाई की वैश्विक शक्ति  

स्वास्थ्य सुरक्षा 

आज हमें क्वाड कैंसर मूनशॉट पहल की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है, जो हिंदप्रशांत क्षेत्र में ज़िंदगियां बचाने के लिए एक अभूतपूर्व साझेदारी है। कोविड-19 महामारी के दौरान क्वाड की सफल साझेदारी के अनुभवों, क्षेत्र में कैंसर से निपटने के लिए हमारे सामूहिक निवेश, हमारी वैज्ञानिक और चिकित्सा संबंधी क्षमताओं, और हमारे निजी और गैरलाभकारी सेक्टरों के योगदान के बल पर हम इस क्षेत्र में कैंसर के कारण पड़ने वाले बोझ को कम करने के लिए साझेदार देशों के साथ सहयोग करेंगे। 

क्वाड कैंसर मूनशॉट पहल शुरू में हिंदप्रशांत क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसररोकथाम योग्य कैंसर जो बहुतों की जान ले रहा हैसे निपटने पर ध्यान केंद्रित करेगी, साथ ही कैंसर के अन्य प्रकारों से निपटने के लिए आधार तैयार करेगी। अमेरिका कई स्तरों पर इस पहल का समर्थन करेगा, जिनमें क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम पर 2025 में आरंभ अमेरिकी नौसेना चिकित्सा प्रशिक्षण और पेशेवर आदानप्रदान, और यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फ़ाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएफ़सी) के माध्यम से सर्वाइकल कैंसर सहित कैंसर के विभिन्न प्रकारों की रोकथाम, निदान और उपचार के लिए पात्र निजी क्षेत्र संचालित परियोजनाओं के वित्तपोषण के विकल्प शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने मिंडेरू फ़ाउंडेशन के सहयोग से एलिमिनेशन पार्टनरशिप इन इंडोपैसिफ़िक फ़ॉर सर्वाइकल कैंसर (EPICC) की फ़ंडिंग बढ़ाकर 2.96 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर करने की घोषणा की है, जिससे इंडोपैसिफ़िक में 11 देशों को कवर किया जा सकेगा, जिससे सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन में मदद मिलेगी और कैंसर की रोकथाम, निदान और उपचार पर केंद्रित पूरक कार्यक्रमों का समर्थन किया जा सकेगा। भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को 75 करोड़ डॉलर मूल्य की एचपीवी सैंपलिंग किट, डिटेक्शन किट और सर्वाइकल कैंसर के टीके उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताई है। भारत डब्ल्यूएचओ की डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल के लिए एक करोड़ डॉलर की अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से, हिंदप्रशांत क्षेत्र के इच्छुक देशों को कैंसर की जांच और देखभाल के अपने सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे को अपनाने और कार्यान्वित करने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। जापान कंबोडिया, वियतनाम और तिमोरलेस्ते सहित क्षेत्र के देशों को लगभग 2.7 करोड़ डॉलर मूल्य के चिकित्सा उपकरण, सीटी एवं एमआरआई स्कैनर और अन्य सहायता प्रदान कर रहा है, और गावी वैक्सीन एलायंस जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों को मदद दे रहा है। क्वाड साझेदारों का अपनेअपने राष्ट्रीय संदर्भों के अनुरूप कैंसर के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास में प्रगति के लिए सहयोग करने और क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसर से पड़ने वाले बोझ को कम करने के लिए निजी और गैरसरकारी क्षेत्रों की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए काम करने का भी इरादा है। हम गैरसरकारी संस्थानों की विभिन्न नई और महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताओं का स्वागत करते हैं, जिनमें गावी के साथ साझेदारी में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की हिंदप्रशांत क्षेत्र के लिए, आवश्यक अनुमोदनों के तहत, 4 करोड़ एचपीवी वैक्सीन खुराकों का ऑर्डर पूरा करने की प्रतिबद्धता शामिल है, और जिसे मांग के अनुरूप बढ़ाया जा सकता है। हम दक्षिण पूर्व एशिया में सर्वाइकल कैंसर से निपटने के लिए महिला स्वास्थ्य और सशक्तिकरण नेटवर्क की 10 करोड़ डॉलर की नई प्रतिबद्धता का भी स्वागत करते हैं। 

कुल मिलाकर, हमारे वैज्ञानिक विशेषज्ञों का आकलन है कि क्वाड कैंसर मूनशॉट पहल आने वाले दशकों में लाखों लोगों की जान बचाएगी। 

समुद्री सुरक्षा 

आज हम एक नई क्षेत्रीय पहल मैरिटाइम इनिशिएटिव फ़ॉर ट्रेनिंग इन इंडोपैसिफ़िक (MAITRI) की घोषणा कर रहे हैं, ताकि क्षेत्र में हमारे साझेदार इंडो-पैसिफ़िक मैरिटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA) और अन्य क्वाड साझेदारी पहलकदमियों के तहत प्रदान किए गए साधनों का अधिकतम उपयोग कर सकें, अपने जलक्षेत्र की निगरानी और सुरक्षा कर सकें, अपने क़ानूनों को लागू कर सकें और गैरक़ानूनी गतिविधियों को रोक सकें। हम 2025 में भारत द्वारा प्रथम MAITRI कार्यशाला की मेज़बानी के लिए तैयार हैं। साथ ही, हम हिंदप्रशांत क्षेत्र में विधिसम्मत समुद्री व्यवस्था को बनाए रखने के प्रयासों के समर्थन के लिए क्वाड समुद्री क़ानून वार्ता के शुभारंभ का स्वागत करते हैं। इसके अलावा, क्वाड साझेदारों की अगले साल IPMDA में नई तकनीक और डेटा जोड़ने की योजना है, ताकि क्षेत्र के लिए निरंतर अत्याधुनिक क्षमता और जानकारी उपलब्ध कराई जा सके। 

हम आज यह भी घोषणा कर रहे हैं कि अमेरिकी तटरक्षक, जापानी तटरक्षक, ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल और भारतीय तटरक्षक की 2025 में पहली बार क्वाडएटसी शिप ऑब्जर्वर मिशन शुरू करने की योजना है, ताकि अंतरसंचालनीयता बढ़े और समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा मिले, और आने वाले वर्षों में हिंदप्रशांत क्षेत्र में और मिशन चलाए जा सकें। 

हम आज क्वाड इंडोपैसिफ़िक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क पायलट परियोजना के शुभारंभ की भी घोषणा करते हैं, जिसका उद्देश्य हमारे देशों की सम्मिलित एयरलिफ़्ट क्षमता का उपयोग करना और हमारी सामूहिक लॉजिस्टिक्स क्षमताओं से लाभान्वित होना है, ताकि हिंदप्रशांत क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में असैन्य राहत प्रयासों को अधिक तेज़ी और कुशलता से समर्थन दिया जा सके। 

गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा 

क्वाड गुणवत्तापूर्ण और सुदृढ़ अवसंरचना के विकास के ज़रिए क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

हमें भविष्य की क्वाड पोर्ट्स ऑफ़ फ़्यूचर पार्टनरशिप की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है, जिसमें हिंदप्रशांत क्षेत्र में टिकाऊ और सुदृढ़ पत्तन अवसंरचना के विकास के लिए क्वाड की सामूहिक विशेषज्ञता का उपयोग किया जाएगा। हमारी 2025 में भारत की मेज़बानी में मुंबई में क्वाड क्षेत्रीय बंदरगाह और परिवहन सम्मेलन आयोजित करने की योजना है। इस नई साझेदारी के माध्यम से, क्वाड साझेदार परस्पर समन्वय और सूचनाओं का आदानप्रदान करेंगे, क्षेत्र में साझेदारों के साथ सर्वोत्तम तौरतरीके साझा करेंगे तथा हिंदप्रशांत क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण बंदरगाह अवसंरचना में सरकारी और निजी क्षेत्र का निवेश जुटाने के लिए अपने संसाधनों का उपयोग करेंगे। 

विशिष्ट और उभरती हुई प्रौद्योगिकियां 

आज, हमें व्यापक हिंदप्रशांत क्षेत्र में विश्वसनीय प्रौद्योगिकी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अपनी साझेदारी के महत्वाकांक्षी विस्तार की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है। 

पिछले साल, क्वाड साझेदारों ने सुरक्षित, सुदृढ़ और परस्पर जुड़े दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में प्रशांत क्षेत्र में पहला ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क (RAN) स्थापित करने के लिए एक ऐतिहासिक पहल शुरू की थी। तब से, क्वाड ने इस कार्य के लिए लगभग दो करोड़ डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। 

जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा 

हमें ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए एक लक्ष्य केंद्रित क्वाड पहल की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है, जिसमें जलवायुसंवेदनशील समुदायों को बढ़ते तापमान के अनुकूल बनाने के लिए उच्च दक्षता वाली सस्ती, शीतलन प्रणालियों की तैनाती और निर्माण शामिल है। साथ ही, इसका उद्देश्य बिजली ग्रिड पर दबाव कम करना भी है। 

हम जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने और बंदरगाह अवसंरचना की मज़बूती और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। क्वाड साझेदार अपने अनुभवों और विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए सहित टिकाऊ और मज़बूत बंदरगाह अवसंरचना की दिशा में कदम बढ़ाएंगे, इसमें आपदारोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन (CDRI) के ज़रिए किए जाने काम शामिल हैं 

क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए मिलकर काम करना 

आज हम आसियान की केंद्रीयता और एकता के लिए अपने निरंतर और अटूट समर्थन की पुष्टि करते हैं। हम आसियान आउटलुक ऑन इंडोपैसिफ़िक (AOIP) के कार्यान्वयन का निरंतर समर्थन कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि क्वाड का काम आसियान के सिद्धांतों और प्राथमिकताओं के अनुरूप हो। 

नेताओं के तौर पर, हम अपने इस विश्वास पर दृढ़ हैं कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सहित अंतरराष्ट्रीय क़ानून का सम्मान, तथा समुद्री क्षेत्र में शांति, निरापदता, सुरक्षा और स्थिरता की सुनिश्चितता, हिंदप्रशांत क्षेत्र के सतत विकास और समृद्धि के लिए ज़रूरी हैं। हम समुद्री क्षेत्र पर दावों समेत वैश्विक समुद्री नियमआधारित व्यवस्था की चुनौतियों के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय क़ानून, विशेष रूप से समुद्री क़ानून पर संयुक्तराष्ट्र की संधि (UNCLOS) में निहित प्रावधानों के अनुपालन के महत्व पर ज़ोर देते हैं। हम पूर्व और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। हम विवादित समुद्री ठिकानों के सैन्यीकरण और दक्षिण चीन सागर में दबाव डालने और धमकाने के लिए की जाने वाली सैन्य गतिविधियों पर अपनी गंभीर चिंता को दोहराते हैं। हम खतरनाक सैन्य गतिविधियों के बढ़ते कृत्यों सहित तटरक्षक बल और समुद्री मिलिशिया के जहाज़ों के खतरनाक उपयोग की निंदा करते हैं। हम अपतटीय संसाधन के दोहन के अन्य देशों के कार्यों को बाधित करने के प्रयासों का भी विरोध करते हैं। हम इस बात पर ज़ोर देते हैं कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्वक और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के अनुसार हल किया जाना चाहिए, जैसा कि UNCLOS में प्रावधान है। हम नेविगेशन और ओवरफ़्लाइट की स्वतंत्रता, समुद्र के अन्य वैध उपयोगों और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के अनुरूप निर्बाध व्यापार को जारी और क़ायम रखने के महत्व पर फिर से ज़ोर देते हैं। हम UNCLOS के सार्वभौमिक और एकीकृत चरित्र पर फिर से ज़ोर देते हैं और फिर से पुष्टि करते हैं कि UNCLOS एक क़ानूनी व्यवस्था निर्धारित करती है, और महासागरों और समुद्रों में सभी गतिविधियां उसके तहत ही की जानी चाहिए। हम इस बात पर ज़ोर देते हैं कि दक्षिण चीन सागर पर 2016 का न्यायाधिकरण निर्णय एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर और विभिन्न पक्षों के बीच विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का आधार है। 

हम अंतरराष्ट्रीय क़ानून का अनुपालन किए जाने तथा क्षेत्रीय अखंडता, सभी देशों की संप्रभुता और विवादों के शांतिपूर्ण हल सहित संयुक्तराष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के सम्मान के पक्षधर हैं। हम यूक्रेन में जारी भयानक और दुखद मानवीय परिणामों वाले युद्ध पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। हममें से प्रत्येक ने युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन का दौरा किया है, और इसे प्रत्यक्ष रूप से देखा है; हम अंतरराष्ट्रीय क़ानून के अनुरूप एक व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति की आवश्यकता को दोहराते हैं, जो संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान समेत संयुक्तराष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप हो। हम खासकर विकासशील और कम विकसित देशों के संदर्भ में वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर यूक्रेन में जारी युद्ध के नकारात्मक प्रभावों का भी उल्लेख करना चाहते हैं। इस युद्ध को लेकर हम इस दृष्टिकोण पर सहमत हैं कि परमाणु हथियारों का उपयोग, या उपयोग की धमकी, अस्वीकार्य है। हम अंतरराष्ट्रीय क़ानून को क़ायम रखने के महत्व को रेखांकित करते हैं, और संयुक्तराष्ट्र चार्टर के अनुरूप दोहराते हैं कि सभी देशों को दूसरे देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ बलप्रयोग या उसकी धमकी से बचना चाहिए।  

हम उत्तर कोरिया के अस्थिरताकारी बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण करने तथा संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद के विभिन्न प्रस्तावों (यूएनएससीआर) का उल्लंघन करते हुए निरंतर परमाणु हथियार कार्यक्रम चलाने की निंदा करते हैं। ये प्रक्षेपण अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं। 

हम राखीन स्टेट समेत म्यांमार में बिगड़ती राजनीतिक, सुरक्षा और मानवीय स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं, तथा हिंसा की तत्काल समाप्ति, अन्यायपूर्ण और मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए सभी लोगों की रिहाई, मानवीय सहायता की सुरक्षित और निर्बाध पहुंच, सभी हितधारकों के बीच रचनात्मक और समावेशी संवाद के ज़रिए संकट के समाधान, तथा देश की समावेशी लोकतंत्र के मार्ग पर वापसी का आह्वान करते हैं।  

क्वाड ने मीडिया की स्वतंत्रता का समर्थन, और अपने काउंटरिंग डिसइन्फ़ॉर्मेशन वर्किंग ग्रुप के कार्यों समेत विदेशों से सूचना में हेरफेर और हस्तक्षेपजिसमें परस्पर विश्वास कम करने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में मनमुटाव पैदा करने वाली गलत सूचना का प्रसार शामिल हैका मुक़ाबला करते हुए एक सुदृढ़ सूचना वातावरण को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर पुष्टि की।  

मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता क़ायम करने की ज़रूरत पर हम एकमत हैंहम 7 अक्टूबर 2023 को हुए आतंकी हमलों की खुलकर निंदा करते हैं। गाज़ा में बड़े पैमाने पर नागरिकों की मौत और मानवीय संकट अस्वीकार्य है। हम हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों की रिहाई सुनिश्चित करने के महत्व पर और इस बात पर ज़ोर देते हैं कि बंधकों की रिहाई के समझौते से गाज़ा में तत्काल और दीर्घकालिक युद्धविराम होगा। हम संपूर्ण गाज़ा में जीवनरक्षक मानवीय सहायता की आपूर्ति में ठोस बढ़ोत्तरी की तत्काल आवश्यकता के साथसाथ क्षेत्रीय तनाव में वृद्धि को रोकने की अहम ज़रूरत को रेखांकित करते हैं। हम सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता क़ानून सहित अंतरराष्ट्रीय क़ानून का पालन करने का आग्रह करते हैं। 

हम लाल सागर और अदन की खाड़ी से गुजरने वाले अंतरराष्ट्रीय और व्यापारिक जहाज़ों पर हूतियों और उनके समर्थकों द्वारा किए जा रहे हमलों की निंदा करते हैं, जो इस क्षेत्र को अस्थिर कर रहे हैं और नौवहन अधिकारों, स्वतंत्रता एवं व्यापार प्रवाह को बाधित कर रहे हैं, तथा जहाज़ों और नाविकों सहित उन पर सवार लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं।  

हमें 2025 में अमेरिका द्वारा आयोजित क्वाड विदेश मंत्रियों की अगली बैठक और 2025 में भारत द्वारा आयोजित अगले क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन का इंतज़ार हैक्वाड क़ायम रहेगा। 


मूल स्रोत: https://www.whitehouse.gov/briefing-room/statements-releases/2024/09/21/the-wilmington-declaration-joint-statement-from-the-leaders-of-australia-india-japan-and-the-united-states/ 

अस्वीकरण: यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्रोत को ही आधिकारिक माना जाना चाहिए। 


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