Wednesday, May 25, 2022

समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक फ़्रेमवर्क पर वक्तव्य

Department of State United States of America

अनुवादअमेरिकी विदेश विभाग केसौजन्य से



व्हाइट हाउस
मई 23, 2022

हम, हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देश अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, न्यूज़ीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम, अपनी जीवंत क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था की समृद्धि और विविधता को स्वीकार करते हैं। हम एक मुक्त, खुले, न्यायसंगत, समावेशी, परस्पर संबद्ध, सुदृढ़, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र हेतु प्रतिबद्धता साझा करते हैं, जिसमें स्थायी और समावेशी आर्थिक विकास हासिल करने की क्षमता है। हम स्वीकार करते हैं कि इस क्षेत्र में हमारे आर्थिक नीतिगत हित परस्पर जुड़े हुए हैं, और सतत विकास, शांति एवं समृद्धि के लिए साझेदारों के बीच आर्थिक जुड़ाव को प्रगाढ़ करना महत्वपूर्ण है।

हम मानते हैं कि कोविड-19 महामारी ने यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने की अनिवार्यता को रेखांकित किया है कि आर्थिक रिकवरी और उन्नति सुदृढ़ता, धारणीयता और समावेशिकता पर आधारित हों। महामारी ने आर्थिक प्रतिस्पर्धात्मकता और सहयोग को मज़बूत करने और अहम सप्लाई चेन को सुरक्षित करने, और साथ ही रोज़गार के अवसरों में वृद्धि और आर्थिक अवसरों में बेहतरी के महत्व को भी उजागर किया है, जिनमें हमारे कामगार, महिलाएं, मध्यम एवं छोटे उद्यम और हमारे समाज के सर्वाधिक कमज़ोर तबके शामिल हैं।

दीर्घावधि में आर्थिक प्रतिस्पर्धा को मोटे तौर पर प्रौद्योगिकी के उपयोग, नवाचार को बढ़ावा, डिजिटल अर्थव्यवस्था में भागीदारी, ऊर्जा प्रणालियों में न्यायसंगत बदलाव तथा ऊर्जा सुरक्षा हासिल करने और जलवायु संकट से इस प्रकार निपटने की हमारी क्षमता से परिभाषित किया जाएगा जोकि साम्यिक और समावेशी विकास पैदा करता हो और सामाजिक-आर्थिक कल्याण को बेहतर बनाता हो।

भविष्य के लिए अपनी अर्थव्यवस्थाओं को तैयार करने के वास्ते हम समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक फ़्रेमवर्क तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं।

इस फ़्रेमवर्क का उद्देश्य हमारी अर्थव्यवस्थाओं के लिए सुदृढ़ता, स्थिरता, समावेशिकता, आर्थिक विकास, न्यायसंगतता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देना है। हमारा लक्ष्य, इस पहल के माध्यम से, क्षेत्र के भीतर सहयोग, स्थिरता, समृद्धि, विकास और शांति में योगदान करना है।

हम हिंद-प्रशांत के अन्य साझेदारों की भागीदारी का स्वागत करेंगे, जोकि इस क्षेत्र के लिए हमारे लक्ष्यों, हितों और महत्वाकांक्षाओं को साझा करते हों। हम फ़्रेमवर्क के अपने साझेदारों के साथ इस तरह से सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि जिसके तहत तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण के महत्व को स्वीकार किया जाता है, हमारे लिए एक लचीला दृष्टिकोण रखना संभव होता है, और हमारे लोगों को ठोस लाभ प्राप्त होता है।

आज, हम निम्नलिखित विषयों पर भावी वार्ताओं की दिशा में सामूहिक चर्चा शुरू कर रहे हैं। फ़्रेमवर्क साझेदार इन लक्ष्यों को हासिल करने के वास्ते आर्थिक सहयोग को मज़बूत करने के विभिन्न तरीकों पर इस तरह की चर्चाओं में भागीदारी करेंगे, और हम हिंद-प्रशांत के अन्य इच्छुक साझेदारों को अपने साथ जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं।

व्यापार: हम उच्चस्तरीय, समावेशी, मुक्त और न्यायसंगत व्यापार प्रतिबद्धताएं निर्धारित करना चाहते हैं तथा व्यापार एवं प्रौद्योगिकी नीति हेतु नए और रचनात्मक दृष्टिकोणों को विकसित करना चाहते हैं जो आर्थिक गतिविधियों और निवेश को बढ़ावा देने वाले उद्देश्यों के एक व्यापक समूह को बढ़ावा देते हों, स्थायी और समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हों, और कामगारों एवं उपभोक्ताओं को लाभान्वित करते हों। हमारे प्रयासों में डिजिटल अर्थव्यवस्था संबंधी सहयोग शामिल है, लेकिन यहीं तक सीमित नहीं है।

सप्लाई चेन: हम अपनी सप्लाई चेन में पारदर्शिता, विविधता, सुरक्षा और स्थिरता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि उन्हें अधिक सुदृढ़ और अच्छी तरह से एकीकृत किया जा सके। हम संकट से निपटने संबंधी उपायों का समन्वय; व्यापार निरंतरता की बेहतर सुनिश्चितता के लिए व्यवधानों के असर में कमी और उनसे निपटने हेतु सहयोग का विस्तार; वितरण संबंधी दक्षता और समर्थन में सुधार; तथा प्रमुख कच्चे माले एवं प्रसंस्कृत सामग्रियों, सेमीकंडक्टर, महत्वपूर्ण खनिजों और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी की उपलब्धता सुनिश्चित करना चाहते हैं।

स्वच्छ ऊर्जा, अकार्बनीकरण और बुनियादी ढांचा: पेरिस समझौते संबंधी अपने लक्ष्यों और अपने लोगों और कामगारों की आजीविका का समर्थन करने के प्रयासों के अनुरूप, हम अपनी अर्थव्यवस्थाओं को कार्बनरहित और जलवायु प्रभावों के प्रति सुदृढ़ बनाने के लिए स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का विकास और उपयोग तेज़ करने की योजना बना रहे हैं। इसमें प्रौद्योगिकियों पर सहयोग बढ़ाना, रियायती ऋण सहित धन का प्रबंधन करना, तथा धारणीय एवं टिकाऊ बुनियादी ढांचे के विकास का समर्थन करके और तकनीकी सहायता प्रदान करके प्रतिस्पर्धात्मकता और कनेक्टिविटी बढ़ाने के रास्ते ढूंढना शामिल हैं।

कर और भ्रष्टाचार-विरोध: हम कर चोरी और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए मौजूदा बहुपक्षीय दायित्वों, मानकों और समझौतों के अनुरूप कर संबंधी, धनशोधन विरोधी, और रिश्वत विरोधी प्रभावी और मज़बूत प्रक्रियाएं स्थापित और कार्यान्वित करते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने हेतु प्रतिबद्ध हैं। इसमें विशेषज्ञता साझा करना तथा जवाबदेह और पारदर्शी प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक क्षमता निर्माण के उपाय ढूंढना शामिल है।

हम क्षेत्रीय आर्थिक संपर्क और एकीकरण को मज़बूत करने की दृष्टि से अपने साझा हितों को आगे बढ़ाने के लिए साझेदारों के बीच परामर्श के आधार पर सहयोग के अतिरिक्त क्षेत्रों की पहचान करना जारी रखेंगे। हम अपनी अर्थव्यवस्थाओं के बीच वाणिज्य, व्यापार और निवेश का प्रवाह बढ़ाने, तथा हमारे संयुक्त बाज़ारों में कामगारों, कंपनियों एवं लोगों के स्तर को और अवसरों की उपलब्धता बढ़ाने हेतु मिलकर अनुकूल वातावरण निर्मित करने के लिए तत्पर हैं।


मूल स्रोत:  https://in.usembassy.gov/statement-on-indo-pacific-economic-framework-for-prosperity/

अस्वीकरण: यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्रोत को ही आधिकारिक माना जाना चाहिए।


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