Thursday, March 18, 2021

महिलाओं की स्थिति पर आयोग को उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का पूर्व रिकॉर्डेड संबोधन

Department of State United States of America

अनुवादअमेरिकी विदेश विभाग केसौजन्य से



व्हाइट हाउस
मार्च 16, 2021
कमला हैरिस, अमेरिका की उपराष्ट्रपति
संबोधन

महासचिव महोदय, आयोग के अध्यक्ष, मैडम कार्यकारी निदेशक, विशिष्ट मंत्रीगण, महानुभावों और सिविल सोसायटी के सदस्यों—इस प्रतिष्ठित आयोग को संबोधित करना मेरे लिए सम्मान की बात है।

1947 से ही इस आयोग ने महिलाओं के समक्ष मौजूद चुनौतियों के दस्तावेज़ीकरण का, महिला अधिकारों पर वैश्विक मानकों के निर्धारण का और लैंगिक समानता के लिए आवाज़ उठाने का काम किया है।

ये कार्य आज भी उतने ही ज़रूरी हैं, जितने पूर्व में थे।

अमेरिका की ओर से आपका धन्यवाद।

इस वर्ष, महिलाओं की स्थिति पर विचार करते हुए, विशेष रूप से निर्णय प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी से इसके संबंध के कारण, हमें लोकतंत्र की स्थिति पर भी विचार करना चाहिए।

अपने सबसे अच्छे रूप में, लोकतंत्र मानवाधिकारों की रक्षा करता है, मानवीय गरिमा को बढ़ावा देता है, और क़ानून के शासन को क़ायम रखता है।

यह शांति और साझा समृद्धि सुनिश्चित करने का एक ज़रिया है। इसे हर नागरिक – लैंगिक पहचान से इतर – की समानता को सुनिश्चित करना चाहिए।

और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव, जोकि लोगों की इच्छा का सम्मान करे।

साथ ही, लोकतंत्र को निरंतर सतर्क रहने की, उसमें निरंतर सुधार की आवश्यकता होती है।

यह निरंतर जारी रहने वाला काम है।

और आज, हम जानते हैं कि लोकतंत्र पर लगातार दबाव बढ़ रहा है।

लगातार 15 वर्षों से, हमने दुनिया भर में स्वतंत्रता में एक चिंताजनक गिरावट देख रहे हैं।

वास्तव में, विशेषज्ञों का मानना है कि पिछला वर्ष लोकतंत्र और स्वतंत्रता में वैश्विक गिरावट की दृष्टि से अब तक का सबसे ख़राब वर्ष था।

इसलिए, अभी जब हम वैश्विक स्वास्थ्य संकट और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, तब भी ये महत्वपूर्ण है कि हम लोकतंत्र की रक्षा करते रहें।

इस दिशा में, अमेरिका संयुक्तराष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय संस्थाओं में अपनी सहभागिता को मज़बूत कर रहा है।

हम मानवाधिकार परिषद से भी वापस जुड़ रहे हैं।

क्योंकि हम जानते हैं कि लोकतंत्र की स्थिति मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा में व्यक्त किए गए मूल्यों के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता पर निर्भर करती है।

लोकतंत्र की स्थिति बुनियादी रूप से महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी निर्भर करती है।

न केवल इसलिए कि निर्णय प्रक्रिया से महिलाओं को वंचित रखना एक दोषपूर्ण लोकतंत्र की निशानी है, बल्कि इसलिए भी कि महिलाओं की भागीदारी लोकतंत्र को मज़बूत करती है।

और ये बात हर जगह लागू होती है।

दुनिया पर नज़र दौड़ाते हुए, मैं जारी प्रगति को लेकर आशांवित हूं।

और मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है, हालांकि अमेरिका को अभी और काम करने हैं, कि हम भी प्रगति कर रहे हैं — और ये, कि महिलाएं हमारे लोकतंत्र को दिन-प्रतिदिन मज़बूत कर रही हैं।

पिछले 56 वर्षों से हर राष्ट्रपति चुनाव में, अमेरिका  में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने अधिक मतदान किया है।

अमेरिकी कांग्रेस में पहले से कहीं अधिक महिलाएं हैं।

पहले से अधिक महिलाएं अपने परिवार की आर्थिक ज़िम्मेदारी निभा रही हैं।

और, अभी पिछले सप्ताह ही, राष्ट्रपति ने दो महिलाओं को हमारे 11 युद्धक कमानों में से दो की शीर्ष ज़िम्मेदारी उठाने के लिए नामित किया है।

अमेरिका में महिलाएं हमारी स्थानीय, प्रांतीय और राष्ट्रीय सरकारों का नेतृत्व कर रही हैं, हमारे देश की सुरक्षा के बारे में बड़े निर्णय ले रही हैं, और हमारी अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय वृद्धि का नेतृत्व कर रही हैं।

ये प्रगति के संकेत हैं। ये मज़बूती के संकेत हैं।

लेकिन, मित्रों, हम इस प्रगति को स्थाई मान कर नहीं चल सकते।

ख़ासकर इस समय।

कोविड-19 ने हर जगह आर्थिक सुरक्षा, शारीरिक सुरक्षा और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए ख़तरा पैदा कर दिया है।

महिलाएं जहां अपनी ज़रूरत की स्वास्थ्य सेवाएं पाने के लिए संघर्ष कर रही हैं, वहीं यह महामारी एचआईवी/एड्स, तपेदिक, मलेरिया, कुपोषण तथा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के खिलाफ़ लड़ाई में हुई वैश्विक प्रगति को उलटती नज़र आ रही है।

इसीलिए, हमारे प्रशासन के पहले ही दिन, अमेरिका ने एक सदस्य राष्ट्र और नेता के रूप में विश्व स्वास्थ्य संगठन से दोबारा जुड़ने की पहल की।

और हम दुनिया भर में महिला सशक्तिकरण में मदद करने के लिए संयुक्तराष्ट्र महिला संस्था के साथ अपनी साझेदारी को पुनर्स्थापित कर रहे हैं।

सच्चाई ये है:

जब महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है…

जब महिलाओं को खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ता है…

जब महिलाओं के ग़रीबी में रहने की अधिक संभावना होती है, और परिणामस्वरूप उन पर जलवायु परिवर्तन का अपेक्षाकृत अधिक असर होता है…

जब उन पर लिंग आधारित हिंसा का ख़तरा अधिक होता है, और इसलिए वे संघर्षों से अपेक्षाकृत अधिक प्रभावित होती हैं…

तो ऐसे में महिलाओं के लिए निर्णय प्रक्रिया में पूर्ण भागीदारी अधिक कठिन है।

जो, लोकतंत्र की प्रगति को उतना ही अधिक कठिन बना देती है।

इलेनोर रूज़वेल्ट, जिन्होंने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा को आकार दिया था, एक बार कहा था, "समानता के बिना, लोकतंत्र संभव नहीं हो सकता।"

दूसरे शब्दों में, महिलाओं की स्थिति लोकतंत्र की स्थिति है।

अपने स्तर पर, अमेरिका दोनों को बेहतर बनाने के लिए काम करेगा।

हम सार्वभौम घोषणा में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों को क़ायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

और हमारा दृढ़ विश्वास है कि विश्व स्तर पर साथ काम करके हम इसमें व्यक्त परिकल्पना को साकार कर सकते हैं।

हम आने वाले दिनों और वर्षों में आप सभी के साथ भागीदारी की आशा करते हैं।

धन्यवाद।


मूल स्रोत: https://www.whitehouse.gov/briefing-room/speeches-remarks/2021/03/16/pre-taped-remarks-by-vice-president-kamala-harris-as-delivered-to-the-commission-on-the-status-of-women/

अस्वीकरण: यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्रोत को ही आधिकारिक माना जाना चाहिए।


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